यूँ तो नेपाल मौजूदा समय में भारत नेपाल के रिश्ते को शर्मसार करने में जरा भी कसर नहीं छोड़ रहा है। इस वक़्त भारत को रणनीतिक आधार पर हर तरह से घेरने की नाकाम कोशिश कर रहा है नेपाल, चाइना के साथ मिलकर भारत के खिलाफ सोची समझी साजिश रच रहा है। मगर इसके बावजूद भी भारत ने अपनी जिंदादिली और नेकदिली नहीं छोड़ी है। नेपाल और भारत के बीच पनप रही आपसी रंजिशों के बीच उत्तराखंड के पिथौकर भारत को लगातर टारगेट कर रहा है, लेकिन भारत जितना दुश्मनो के दन्त खट्टे करने का सामर्थ्य रखता है उतनी ही इंसानियत भी।
दरअसल पिथौरागढ़ में बीते सोमवार को कुछ ऐसा हुआ जिसने यह साबित कर दिया है कि भारत को ऐसे ही महान नहीं कहते और इंसानियत के मामले में तो सबसे ऊपर है। भारत में नेपाल की महज 1 महीने की बच्ची की जान को बचाने के लिए सभी तरीके के नियम कानून और दुश्मनी को दरकिनार करके बीते सोमवार दोपहर को 20 मिनट के लिए पिथौरागढ़ का धारचूला अंतर्राष्ट्रीय झूला पुल खोला गया।
जी हां हुआ कुछ यूँ की नेपाल की ही महज 1 महीने की बच्ची जिसके आंतों में गांठ थी, उस बच्ची के इलाज के लिए धारचूला का पुल खुलते देख बच्ची के माता-पिता के आंखों से भी आंसू छलक उठे और उनकी जान में जान आई। अपनी बच्ची को नया जीवनदान मिलते देख दोनों दंपतियों ने नाम आँखों से’ भारतीय अफसरों का आभार व्यक्त किया और कहा कि भारत को यूं ही महान देश नहीं कहा जाता है।
प्राथमिक उपचार के बाद बीमार बच्ची को बलवकोट, धारचूला में रखा गया है। आइए अब आपको पूरे मामले से सुबरु कराते हैं। बताते चलें की भारत से सटे नेपाल के मल्लिकार्जुन गांव की 1 महीने की बच्ची का दारचुला के एक अस्पताल में इलाज चल रहा था। लड़की की आंत में गांठ बनी हुई है, जिसकी वजह से उसकी हालत काफी गंभीर हो गई।
इसको देखते हुए नेपाल के चिकित्सकों ने उसके परिजनों को बच्चों को भारत में जाकर बेहतर इलाज़ की सलाह दी मगर झूला पुल बंद होने के कारण बच्ची के परिजन बहुत ही चिंतित थे । इसके बाद नेपाल के ही कुछ समाजसेवियों ने पीड़ित परिवार की मदद करते हुए पिथौरागढ़ जिला प्रशासन से मदद की गुहार लगाई तो भारतीय अफसरों ने 1 महीने की मासूम बच्ची को नया जीवन दान देने के लिए बिना देरी किए ही तत्काल रूप से झूला पुल खोलने का आदेश दे दिया।
पुल खुलने की खबर सुनते ही बच्ची के माता-पिता बेहद भावुक हो उठे। सोमवार को 20 मिनट के लिए उनकी बच्ची के लिए धारचूला झूला पुल खोला गया पुल खुलते ही अपनी बच्ची को तड़पते देख रहे माता पिता ने राहत की सांस ली और उन्होंने सभी अफसरों का धन्यवाद व्यक्त किया। फिलहाल बच्ची को बेहतर इलाज के लिए पिथौरागढ़ के जिला अस्पताल लाया गया है जहां पर उसका उपचार चल रहा है।