नई दिल्ली, 13 मई (पीआईबी):प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को टीबी उन्मूलन मिशन की प्रगति की समीक्षा के लिए एक अहम बैठक की अध्यक्षता की। इस बैठक में टीबी (क्षयरोग) को भारत से पूरी तरह समाप्त करने की दिशा में अब तक हुई उपलब्धियों और भविष्य की रणनीतियों पर चर्चा की गई।
सक्रिय जन भागीदारी से टीबी मिशन को मिली नई गति: प्रधानमंत्री मोदी
प्रधानमंत्री ने इस अवसर पर कहा, “सक्रिय जन भागीदारी से प्रेरित होकर, पिछले कुछ वर्षों में इस आंदोलन ने महत्वपूर्ण गति प्राप्त की है।”
उन्होंने ज़ोर देकर कहा कि यह केवल एक सरकारी कार्यक्रम नहीं, बल्कि एक जनांदोलन बन चुका है, जिसमें नागरिकों, स्वयंसेवी संस्थाओं, चिकित्सा समुदाय और नीति निर्माताओं ने मिलकर काम किया है।
टीबी मुक्त भारत सपना नहीं, संकल्प: प्रधानमंत्री मोदी
श्री मोदी ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स (पूर्व ट्विटर)’ पर भी बैठक की जानकारी साझा करते हुए लिखा:
“टीबी उन्मूलन के भारत के मिशन पर बैठक की अध्यक्षता की। सक्रिय जन भागीदारी से प्रेरित होकर, पिछले कुछ वर्षों में इस आंदोलन ने महत्वपूर्ण गति प्राप्त की है। हमारी सरकार टीबी मुक्त भारत के सपने को साकार करने के लिए सभी हितधारकों के साथ मिलकर काम करने के लिए प्रतिबद्ध है।“
प्रधानमंत्री के इस बयान से स्पष्ट है कि केंद्र सरकार इस स्वास्थ्य चुनौती को लेकर पूरी तरह गंभीर और प्रतिबद्ध है।
2025 तक टीबी उन्मूलन का रखा गया है लक्ष्य
गौरतलब है कि भारत सरकार ने 2025 तक टीबी समाप्त करने का लक्ष्य तय किया है, जो कि संयुक्त राष्ट्र के सतत विकास लक्ष्यों (SDG) की समय-सीमा से पांच वर्ष पहले का लक्ष्य है।
इस दिशा में “निक्षय मित्र योजना”, पोषण समर्थन, डिजिटल निगरानी प्रणाली और समुदाय आधारित उपचार कार्यक्रमों जैसी कई पहलकदमियों को लागू किया गया है।
जन सहयोग बना रहा है अभियान की ताकत
प्रधानमंत्री ने इस बात पर भी जोर दिया कि जब जन-भागीदारी किसी अभियान में जुड़ जाती है, तो उसकी गति और सफलता दोनों सुनिश्चित होती हैं।
टीबी के खिलाफ चल रही लड़ाई को एक जन आंदोलन में तब्दील करना, सरकार की सबसे बड़ी रणनीति रही है। “टीबी हारेगा, देश जीतेगा” जैसे नारे से इस अभियान को जन-जन तक पहुँचाया गया है।
स्वास्थ्य मंत्रालय के अधिकारी भी रहे मौजूद
बैठक में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी, नीति आयोग के प्रतिनिधि और विभिन्न तकनीकी विशेषज्ञ मौजूद रहे। इसमें टीबी के लिए राष्ट्रीय रणनीतिक योजना, प्रगति रिपोर्ट और बाधाओं की पहचान पर विस्तार से चर्चा की गई।
अंतिम लक्ष्य: अंतिम व्यक्ति तक पहुँच
प्रधानमंत्री ने यह सुनिश्चित करने का भी निर्देश दिया कि भारत के सबसे दूरदराज और वंचित क्षेत्रों में भी टीबी का इलाज सुलभ और सस्ता हो। उन्होंने कहा, “यह मिशन तभी सफल होगा जब हम अंतिम व्यक्ति तक पहुँचकर उसके जीवन को बेहतर बना पाएं।”