नेशनल हेराल्ड केस में कांग्रेस नेता सोनिया गांधी और राहुल गांधी की मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप में दोनों के खिलाफ राउस एवेन्यू कोर्ट, दिल्ली में आरोपपत्र दाखिल कर दिया है। इस चार्जशीट में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सैम पित्रोदा, सुमन दुबे सहित कई अन्य नेताओं के नाम भी शामिल हैं।
ईडी ने यह आरोपपत्र धन शोधन निवारण अधिनियम (PMLA) 2002 की धारा 44 और 45 के तहत दाखिल किया है। इस पर अगली सुनवाई 25 अप्रैल को होगी। इससे पहले ईडी ने सोनिया और राहुल गांधी से जुड़ी कुछ संपत्तियों को जब्त करने की प्रक्रिया भी शुरू कर दी थी।
क्या है नेशनल हेराल्ड मामला?
नेशनल हेराल्ड एक अंग्रेजी समाचार पत्र था जिसकी स्थापना 1938 में पंडित जवाहरलाल नेहरू ने की थी। यह अखबार एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड (AJL) द्वारा प्रकाशित होता था और स्वतंत्रता संग्राम की आवाज माना जाता था।
2008 में वित्तीय संकट के चलते अखबार का प्रकाशन बंद हो गया। 2010 में ‘यंग इंडिया प्राइवेट लिमिटेड’ (YIL) नामक कंपनी बनाई गई, जिसमें सोनिया और राहुल गांधी की 38-38% हिस्सेदारी है।
2012 में बीजेपी नेता डॉ. सुब्रमण्यम स्वामी ने आरोप लगाया कि यंग इंडिया ने मात्र 50 लाख रुपये में AJL की 2000 करोड़ रुपये से अधिक की संपत्ति पर कब्जा कर लिया। स्वामी का आरोप है कि यह पूरा मामला धोखाधड़ी और मनी लॉन्ड्रिंग से जुड़ा है।
अब ईडी की चार्जशीट से मामला और गंभीर होता जा रहा है, जिससे कांग्रेस नेतृत्व के लिए कानूनी मोर्चे पर नई चुनौतियाँ खड़ी हो गई हैं।