पंजाब में प्रधानमंत्री के काफिले में हुई सुरक्षा चूक को लेकर राजनीति तेज़ है. उत्तराखंड में कांग्रेस भवन का घेराव हो या संसद के बाहर सांसदों का प्रदर्शन, कांग्रेस को घेरने में भाजपा कोई कसर नहीं छोड़ रही है, तो अब कांग्रेस ने भी पलटवार करने का मन बना लिया है. उत्तराखंड के पूर्व सीएम और कांग्रेस नेता हरीश रावत ने इस पूरी घटना पर एक तल्ख बयान जारी किया है. पुल पर प्रधानमंत्री के काफिले के रुकने की नौबत आने पर हरीश रावत का कहना है कि ‘आधे घंटे अगर विलंब हो भी जाता, तो कौन सा बम फूट पड़ता? कौन सा गज़ब हो जाता?’

हरीश रावत ने कहा कि ये सुरक्षा में चूक का मामला है और बीजेपी इससे सहानुभूति जुटाने की कोशिश कर रही है. रावत ने कहा, ‘कांग्रेस को दुख है कि प्रधानमंत्री की सुरक्षा में चूक हुई, लेकिन पीएम की सुरक्षा की ज़िम्मेदारी केंद्र की ही है. सवाल ये है कि केंद्र आखिर प्रधानमंत्री की सुरक्षा क्यों नहीं कर पाया? वो भी तब जबकि राज्य का डीजीपी भी प्रधानमंत्री के पास बगैर चेकिंग के नहीं पहुंच सकता. किसान पहले ही कह चुके थे कि हम काफिले को रोकेंगे तो केंद्रीय एजेंसियां होशियार क्यों नहीं थीं?’ चुनाव के समय में कम से कम उत्तराखंड की सियासत में माना जा रहा है कि हरीश रावत का यह बयान इस मुद्दे पर पहले से भड़की आग में घी डालने का ही काम करेगा.

हरीश रावत के इस बयान के बाद कांग्रेस की चारों तरफ छीछा लेदर हो रही है.. सोशल मीडिया में भी तरह तरह की प्रतिक्रियाएं आरही हैं। देखें क्या जवाब दिया यूज़र्स ने !

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