नई दिल्ली: CBI ने बैंक ऑफ इंडिया समेत 16 बैंकों से 1,528 करोड़ रुपये का लोन (Bank Loan Fraud) लेकर हड़प जाने के मामले में बुधवार को कई जगहों पर छापेमारी की. एजेंसी की अलग-अलग टीमों ने हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा और पोंटा साहिब में एक प्राइवेट कंपनी के ऑफिस और उसके अधिकारियों के परिसरों पर छापे मारे.
प्राइवेट कंपनी पर साजिश रचने का आरोप
सीबीआई (CBI) ने आरोप लगाया कि लौह और अलौह धातु के निर्माण में लगी प्राइवेट कंपनी M/s Indian Technomach Co. Ltd ने इस सारे घपले की साजिश रची. उसने वर्ष 2008 से 2013 तक 16 राष्ट्रीयकृत और निजी बैंकों के कांस्टोरियम (समूह) लोन हासिल किए. ऐसा करके देश के 16 बैंकों से 1,528 करोड़ रुपये (Bank Loan Fraud) हासिल कर लिए गए.
करोड़ों लेकर कंपनी हो गई गायब
इसके बाद कंपनी ने बैंकों को लोन का ब्याज और मूलधन लौटाना बंद कर दिया. बैंक ऑफ इंडिया ने मार्च 2014 में कंपनी को डिफॉल्टर घोषित करते हुए उसके लोन को NPA घोषित कर दिया. इसके बाद बैंक ने फरवरी 2016 में इस मामले को औपचारिक रूप से धोखाधड़ी (Bank Loan Fraud) घोषित कर दिया.
16 बैंकों के साथ हुई धोखाधड़ी
एजेंसी के मुताबिक कंपनी ने जिन बैंकों से लोन लिया. उनमें यूनियन बैंक ऑफ इंडिया, आंध्रा बैंक, पंजाब एंड सिंध बैंक, इंडियन ओवरसीज बैंक, स्टेट बैंक ऑफ हैदराबाद, सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया, कॉपोर्रेशन बैंक, एचडीएफसी बैंक, ओरिएंटल बैंक ऑफ कॉमर्स, सारस्वत को-ऑपरेटिव बैंक, स्टेट बैंक पटियाला, यूको बैंक, इलाहाबाद बैंक, स्टैंडर्ड चार्टर्ड बैंक और डीबीएस बैंक शामिल रहे. इन बैंकों की ओर से शिकायत मिलने के बाद CBI ने केस दर्ज कर छापेमारी की कार्रवाई शुरू की.