कोरोना महामारी के चलते 70 फीसदी लोग लोन की किस्तों का भुगतान नहीं कर पाए हैं। इनमें से कई पर चक्रवृद्धि ब्याज भी लग गया है। बैंकों से कर्ज लेने वाले हजारों उपभोक्ता मोरेटोरियम के बाद अब ब्याज पर ब्याज लगने की परेशानी से दो-चार हो रहे हैं। लेकिन रुड़की का एक मामला बेहद चौकाने वाला है।

रूड़की कोतवाली में सूदखोरी का एक बड़ा चौकाने वाला मामला सामने आया है जिसमे पीड़ित युवक का कहना है कि उसने अब से तीन साल पहले 50 हज़ार रुपये एक सूदखोर से ब्याज पर लिए थे जिसके बाद 9 महीने के भीतर उसने 20 हज़ार रुपये वापस भी कर दिए थे जिसके बाद युवक ने 208 में 25000 रुपये और ले लिए थे अब 2048 में ली गई कुल रकम 75 हज़ार रुपये हो गई थी लेकिनइस रकम का ब्याज 2020 में साढ़े आठ लाख रुपये बताने पर पीड़ित के होश फाख्ता हो गए

जबकि पीड़ित युवक के अनुसार वो अब तक पौने दो लाख रुपए भी फाइनैंसर को किस्तों में दे चुका है। वहीं 75 हजार के साढ़े आठ लाख सुनकर युवक सदमे की हालत में आ गया, क्योकि इतना ब्याज कहीं से कहीं तक जायज़ हो ही नहीं सकता, क्योंकि बेलडा गाँव का रहने वाला यह सूदखोर किसी राजनीतिक पार्टी से भी संबंध रखता है और हर व्यक्ति पर रौब भी ग़ालिब करता रहता है। साथ ही उसने पीड़ित युवक से 7 कोरे चेक भी लिए हुए हैं।

आखिरकार परेशान हाल अब युवक ने रूड़की कोतवाली में सूदखोर नेताजी के खिलाफ तहरीर देकर अपनी पीड़ा सुना न्याय की गुहार लगाई है। इस पूरे मामले में कोतवाली के एसएसआई प्रदीप कुमार का कहना है संबंधित मामले की जाँच की जा रही है और पीड़ित युवक की तहरीर के आधार पूरे मामले की गहनता से जांच कर आगे की कार्रवाई की जाएगी