विदेश में बेहतर नौकरी और अच्छी सैलेरी भला कौन नहीं चाहेगा । हर कोई इन सबके सपने बुनता है, लेकिन ऐसे वक्त में जब पहाड़ के युवा दौड़-दौड़कर बड़े शहरों या विदेश भाग रहे थे, उस वक्त पहाड़ के दो होनहार युवा विदेश की शानदार नौकरी छोड़ उत्तराखंड में बसने सपने देख रहे थे। फिर आया कोरोना संकट, लेकिन ये संकट के दौरान भी दोनों युवाओं को पहाड़ के लिए कुछ बेहतर करने के इच्छा से रोक ना सका। और आज इन दोनों मित्रों ने अपने दृढ़ सकल्प के चलते मिलकर पहाड़ी जिले उत्तरकाशी में एक शानदार मॉल खोला है।
जो किइस जिले का पहला मॉल है, इसके जरिए क्षेत्र के कई लोगों को रोजगार मिला है। जिन युवाओं की हम बात कर रहे हैं उनका नाम है चिंटू मटूड़ा और दीपक मटूड़ा। ये दोनों युवा विदेश से व्यवसायी एमबीए डिग्री होल्डर हैं। दोनों ही दोस्तों ने ऑस्ट्रेलिया से एमबीए की पढ़ाई पूरी की है । वैसे तो चिंटू और दीपक चाहते तो ऑस्ट्रेलिया में रहकर ही शानदार सैलरी वाली बेहतर जॉब कर सकते थे, लेकिन इन्होंने कुछ हटकर करने का प्लान किया और दोनों ही विदेश में बेहतर रोजगार का विकल्प छोड़ अपने गांव की और लौट आए। यहां आकर सोचा कि क्यों ना जिले में ही कुछ बड़ा और दूसरों को रोजगारों के लिए कुछ किया जाए। इसी विचार ने दोनों को उत्तरकाशी में मॉल खोलने का आइडिया दिया।
दोनों ने इस दिशा में बेहतर प्लानिंग करके मिलकर प्रयास किए। जैसे तैसे इस प्रोजेक्ट को अंजाम तक पहुंचाने के लिए पूंजी जुटाई और इस तरह आखिरकार उत्तरकाशी जिले को उसका पहला मॉल मिल गया । बीते दिन उत्तरकाशी के डीएम मयूर दीक्षित ने मॉल का विधिवत उद्घाटन किया। इस मौके पर डीएम ने कहा कि इस तरह के प्रयास पहाड़ की आर्थिकी के लिहाज से बेहद फायदेमंद साबित होंगे
। इससे कोरोना काल में घर लौट आए बेरोजगारों को रोजगार मिलेगा। चलिए अब आपको मॉल के बारे में बताते हैं। फिलहाल मॉल में रेडीमेड गारमेंट्स उपलब्ध हैं। जल्द ही यहां शूज, ज्वैलरी और दूसरे आइटम्स भी बिक्री के लिए उपलब्ध होंगे। मॉल के जरिए क्षेत्र के 51 बेरोजगार युवाओं को रोजगार दिया गया है। रोजगार पाने वालों में 15 युवतियां भी शामिल हैं। चिंटू मटूड़ा और दीपक मटूड़ा ने पहाड़ के लिए जो किया वो करने के लिए इच्छा के साथ हिम्मत भी चाहिए। इन दोनों युवाओं के प्रयास की पूरे क्षेत्र में तारीफ हो रही है, लोग इन्हें सैल्यूट कर रहे हैं।