उत्तराखंड के देहरादून जिले से एक बेहद ही चौंकाने वाली घटना सामने आ रही है। पटेलनगर थाना क्षेत्र के एक सातवीं कक्षामें पढ़ने वाले बच्चे ने जो कारनामा किया है उसको सुनकर सभी हैरान हो उठेंगे । क्योकि ये महज 12 साल का बच्चा जो की सातवीं कक्षा में पढ़ता है, उसने अपने इलेक्ट्रॉनिक्स गैजेट्स के शौक के चलते अपने दादा के 4 लाख रुपए उड़ा दिए हैं। जी हां, जिस बच्चे को शायद अंदाजा ही नहीं होगा की 4 लाख की बड़ी रकम के मूल्य के बारे में शायद ही पता होगा की ये रकम कितनी माईने रखती है , अपने शोक के चलते उसने इस घटना को अंजाम दे दिया।

हैरान करने वाली बात यह है कि उसके इस कारनामे की खबर घर के किसी भी सदस्य को नहीं पता लगी। जब खबर लगी तब काफी देर हो चुकी थी। उसके दादाजी और उसके पिता रोज दुकान पर जाते हैं। उसकी मां परिवार से अलग रहती है और उसके घर में उसकी दादी है जो कि बीमार रहती हैं। परिवार व्यापार से जुड़े होने के कारण घर में हमेशा अच्छी खासी रकम मौजूद रहती है। जब घर में रखे हुए पैसे कम होने लगे तो परिजनों को बच्चे के ऊपर शक होने लगा । शुरुआत में तो बच्चा अपने परिजनों से झूठ बोलकर बातों को नज़र अंदाज़ करता रहा मगर जब उससे सख्ती से पूछताछ की गयी तो उसने सबके सामने सच्चाई उगल दी ।

बता दें कि बच्चे ने अपने घर के कई लाख रुपए अपने दोस्तों के साथ महंगे इलेक्ट्रॉनिक गैजेट्स और अन्य सामान पर खर्च कर दिए हैं। इतना ही नहीं बच्चे ने अपने दोस्त को स्कूटर खरीदने के लिए भी पैसे दिए थे। बच्चे के पास से चार महंगे मोबाइल फोन बरामद किए गए हैं। इसमें हैरान करने वाली बात ये है कि उनमें से एक मोबाइल की कीमत 1 लाख रुपए बताई जा रही है। वहीं उसने दादा के पैसों से लैपटॉप भी खरीदा है जिसे उसने दोस्त के घर पर रखा हुआ है।

बच्चे की उम्र 12 साल है जबकि उसके दोस्तों की उम्र तकरीबन 16 साल बताई जा रही है। वहीं थाना पटेलनगर के इंस्पेक्टर ने बताया कि बच्चे के दादा ने पुलिस से उसके दोस्तों की शिकायत की है। सभी दोस्त नाबालिग बताए जा रहे हैं। पुलिस ने जब उनसे पूछताछ की तो उन्होंने बताया कि 12 वर्ष का बच्चा उनको पैसे लाकर देता था और उनसे मोबाइल मंगवाया करता था।

मामला तकरीबन 4 लाख के आसपास का बताया जा रहा है। पुलिस के अनुसार बच्चे के घर से बरामद हुए चार मोबाइल में से एक की कीमत 1 लाख से अधिक है। वहीं उसके नाबालिग दोस्तों ने बताया कि बच्चा कहता था कि उसके पास पैसों की कमी नहीं है। वे उससे मोबाइल की कीमत से अधिक पैसे लेते थे इससे उनके भी शौक पूरे हो जाते थे। उसने अपने एक दोस्त को भी स्कूटर खरीदने के लिए अपने घर मे से पैसे दिए थे जिसकी जरा भी भनक उसके परिजनों को नहीं लगी।