भारतीय सेना ने पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) में की गई सटीक और योजनाबद्ध कार्रवाई ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत 100 से अधिक आतंकवादियों को मार गिराया है। इन आतंकवादियों में 1999 में हुए IC-814 विमान अपहरण और 2019 के पुलवामा आत्मघाती हमले से जुड़े मुख्य साजिशकर्ता भी शामिल थे। यह जानकारी सेना के डायरेक्टर जनरल ऑफ मिलिट्री ऑपरेशन्स (DGMO) लेफ्टिनेंट जनरल राजीव घई ने आज रविवार को नई दिल्ली में प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान दी। लेफ्टिनेंट जनरल घई ने बताया कि ऑपरेशन सिंदूर की योजना 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद बनाई गई थी। उन्होंने कहा, “ऑपरेशन सिंदूर का उद्देश्य आतंक के साजिशकर्ताओं को दंडित करना और उनके ठिकानों को खत्म करना था। भारत आतंकवाद को किसी भी रूप में बर्दाश्त नहीं करता।”

DGMO के मुताबिक भारत की कार्रवाई में मारे गए आतंकवादियों में यूसुफ अजहर, अब्दुल मलिक रऊफ और मुदस्सिर अहमद जैसे घातक आतंकी शामिल थे। ये आतंकी IC-814 अपहरण और पुलवामा हमले में प्रत्यक्ष रूप से शामिल थे, जिसमें 40 सीआरपीएफ जवान शहीद हुए थे। भारतीय वायुसेना और नौसेना ने इस अभियान में अहम भूमिका निभाई। वायुसेना ने नौ आतंकवादी ठिकानों पर सटीक हमले किए, जबकि नौसेना ने अत्याधुनिक हथियारों की आपूर्ति की। वायुसेना ने पूरे अभियान के दौरान हवाई प्रभुत्व बनाए रखा।

घई ने बताया कि पाकिस्तान की ओर से प्रतिक्रिया में नियंत्रण रेखा (LoC) का उल्लंघन किया गया, जिसके बाद भारत ने जवाबी कार्रवाई की। पाकिस्तान की प्रतिक्रिया “भयभीत और असंतुलित” रही, जिसमें उनके हमलों में कई नागरिक क्षेत्रों और धार्मिक स्थलों जैसे गुरुद्वारों को भी निशाना बनाया गया, जिससे आम नागरिकों की जानें गईं। DGMO ने बताया कि भारतीय कार्रवाई से पहले पाकिस्तान के कई आतंकी ठिकानों को खाली कर दिया गया था। उन्होंने कहा, “हमने सीमा पार आतंकी ढांचे का गहन मूल्यांकन किया। कई ठिकानों को पहले ही खाली कर दिया गया था, जिससे स्पष्ट है कि वे भारतीय जवाबी कार्रवाई से डर गए थे।” सरकार ने पाकिस्तान की तरफ हुए हताहतों की आधिकारिक संख्या जारी नहीं की है। घोष ने दोहराया कि ऑपरेशन का उद्देश्य संख्या गिनना नहीं, बल्कि आतंकी नेटवर्क को खत्म करना था।