बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने शुक्रवार को राज्य के सभी सरकारी कर्मचारियों को शराब न पीने की शपथ दिलाई। पश्चिम चंपारण के एक मास्टर जी ने भी यही शपथ ली लेकिन शाम होते-होते ये प्रतिज्ञा सिर्फ एक शीशे की बोतल के आगे ढेर हो गई। मास्टर जी फिलहाल हवालात की हवा खा रहे हैं।
बगहा के मास्टर जी की शपथ ‘बोतल’ के आगे ढेर
बगहा के पिपरासी थानाक्षेत्र के प्राथमिक विद्यालय कांटी टोला, श्रीपतनगर के हेड मास्टर कुंदन कुमार गोंड, सुबह में इन्होंने शपथ ली कि बिहार में किसी को शराब न पीने देंगे और न खुद पीएंगे। इसके बाद शाम में प्रिंसिपल साहब नजदीक में ही पड़ोसी राज्य यूपी निकल लिए। वहां जाकर एक बोतल के आगे उनकी शपथ ने सरेंडर कर दिया। मास्टर जी ने यूपी के छतौनी में छककर शराब पी। शायद उन्होंने ये सोच लिया कि शपथ तो बिहार में और बिहार के लिए ही ली है, उसका यूपी से क्या लेना-देना।
पुलिस ने शाम में हेडमास्टर साहब को नशे में दबोचा
शराब तो मास्टर जी ने यूपी में पी लेकिन अगले दिन ड्यूटी भी करनी थी तो फिर से बिहार के लिए रवाना हो गए। बॉर्डर बार कर बगहा भी पहुंच गए, लेकिन किसी ने पुलिस को हेडमास्टर साहब की सौगंध के सरेंडर की खबर दे दी। शाम 7 बजे बिहार पुलिस ने उन्हें धर लिया, पता चला कि वाकई प्रिंसिपल साहब नशे में थे। इसके बाद पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया।
जेल की हवा खाएंगे हेडमास्टर साहब
थानेदार के मुताबिक हेडमास्टर कुंदन कुमार गोंड की मेडिकल जांच करा कर उन्हें शनिवार को जेल भेज दिया जाएगा। वही एसपी किरण कुमार गोरख जाधव ने बताया कि मेडिकल जांच के बाद आई रिपोर्ट के अनुसार ही उनपर कार्रवाई की जाएगी। अब खुद सोच लीजिए कि जब राज्य के सरकारी कर्मचारी और पूरे स्कूल के मुखिया ही इस तरह से अपनी शपथ भूल जाएंगे तो शराबबंदी को पलीता तो लगेगा ही लगेगा।