(विशेष समाचार)

नई दिल्ली/देहरादून। उत्तराखंड के मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने सोमवार को नई दिल्ली में केंद्रीय ऊर्जा, आवास एवं शहरी कार्य मंत्री श्री मनोहर लाल खट्टर से शिष्टाचार भेंट कर राज्य के महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचा विकास व शहरी आवास योजनाओं से जुड़ी अनेक मांगें रखीं। मुख्यमंत्री ने इस दौरान जल विद्युत परियोजनाओं, पंप स्टोरेज योजना, विद्युत लाइन भूमिगत करने, पावर सिस्टम डेवलपमेंट फंड की परियोजनाओं तथा प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) में व्यवहारिक संशोधन के मुद्दों पर विस्तार से चर्चा की।

मुख्यमंत्री श्री धामी ने केंद्रीय मंत्री से उत्तराखंड के कुमाऊं तथा अपर यमुना क्षेत्र में प्रस्तावित जल विद्युत परियोजनाओं के विकास हेतु ₹4,000 करोड़ के वायबिलिटी गैप फंड (वीजीएफ) की स्वीकृति प्रदान करने का आग्रह किया। उन्होंने राज्य के दुर्गम व कठिन भौगोलिक क्षेत्रों में पंप स्टोरेज परियोजनाओं के निर्माण के लिए भी ₹3,800 करोड़ के वीजीएफ की मांग रखी, जिससे न केवल स्थानीय ऊर्जा उत्पादन में वृद्धि हो सकेगी बल्कि क्षेत्रीय विकास को भी बल मिलेगा।

मुख्यमंत्री ने ऋषिकेश-हरिद्वार क्षेत्र में बिजली लाइनों को भूमिगत व स्वचालित किए जाने का भी अनुरोध करते हुए कहा कि इससे धार्मिक एवं पर्यटन दृष्टि से अति महत्वपूर्ण इस क्षेत्र की सुंदरता व सुरक्षा सुनिश्चित होगी।

इसके साथ ही मुख्यमंत्री ने पावर सिस्टम डेवलपमेंट फंड के अंतर्गत पिटकुल की दो महत्त्वपूर्ण परियोजनाओं की डीपीआर (विस्तृत परियोजना रिपोर्ट) को शीघ्र स्वीकृति दिए जाने तथा इन्हें शत-प्रतिशत अनुदान के रूप में मंजूरी देने का अनुरोध किया। इन दोनों परियोजनाओं की कुल लागत ₹1,007.82 करोड़ आंकी गई है।

शहरी विकास व आवास योजनाओं पर चर्चा करते हुए मुख्यमंत्री श्री धामी ने प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) के अंतर्गत कमजोर आय वर्ग (ईडब्ल्यूएस) के लिए आवासीय इकाइयों के निर्माण में आ रही व्यवहारिक कठिनाइयों से अवगत कराया। उन्होंने बताया कि निजी भागीदारी मॉडल के तहत राज्य सरकार द्वारा कई परियोजनाएं सफलतापूर्वक संचालित की जा रही हैं, किन्तु एकमुश्त केंद्रीय अनुदान की व्यवस्था से परियोजनाओं का नकदी प्रवाह प्रभावित हो रहा है। इस स्थिति के समाधान हेतु उन्होंने सुझाव दिया कि सरकारी भूमि पर लागू 40:40:20 के चरणबद्ध सहायता मॉडल को निजी भूमि आधारित परियोजनाओं पर भी लागू किया जाए।

मुख्यमंत्री ने केंद्रीय मंत्री से यह भी आग्रह किया कि बैंकों, एनबीएफसी (गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों) व अन्य वित्तीय संस्थानों को स्पष्ट दिशानिर्देश दिए जाएं ताकि ईडब्ल्यूएस श्रेणी के लाभार्थियों को सुलभ व सरल ऋण सुविधा मिल सके।

इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने उत्तराखंड के लिए एक और महत्त्वपूर्ण मांग रखते हुए कहा कि आरआरटीएस (रीजनल रैपिड ट्रांजिट सिस्टम) को मोदीपुरम मेरठ मार्ग से आगे हरिद्वार तक विस्तारित किया जाए। उन्होंने कहा कि इस विस्तार से न केवल हरिद्वार, ऋषिकेश जैसे धार्मिक स्थलों तक आवागमन सुगम होगा बल्कि राज्य में शहरीकरण व आर्थिक विकास की नई संभावनाओं का द्वार भी खुलेगा।

केंद्रीय मंत्री श्री मनोहर लाल खट्टर ने मुख्यमंत्री द्वारा उठाए गए सभी विषयों को गंभीरता से सुना व आश्वस्त किया कि उत्तराखंड के हित में यथोचित निर्णय लिए जाएंगे। उन्होंने कहा कि राज्य की विशिष्ट भौगोलिक परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए ऊर्जा, आवास व शहरी विकास की योजनाओं को केंद्र सरकार का पूरा सहयोग मिलेगा।

मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने केंद्रीय मंत्री का उत्तराखंड के विकास के प्रति सकारात्मक दृष्टिकोण हेतु आभार व्यक्त किया। उन्होंने विश्वास जताया कि राज्य के महत्वाकांक्षी ऊर्जा एवं शहरी विकास लक्ष्यों को केंद्र सरकार के सहयोग से शीघ्र साकार किया जा सकेगा।

इस भेंट के दौरान मुख्यमंत्री के साथ राज्य के वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित रहे।