विशेष इंटरव्यू | परिनिता राज पाल्या: बच्चों की असली प्रतिभा को पहचानने वाली शिक्षाविद्

“हर बच्चा अपने आप में एक ब्रह्मांड है, बस हमें उसे पढ़ना आना चाहिए”

शिक्षाविद् परिनिता राज पाल्या से वरिष्ठ पत्रकार हरिशंकर सिंह की विशेष बातचीत। 

देहरादून-: जहां एक ओर अभिभावक बच्चों की सफलता के लिए तरह-तरह के कोचिंग सेंटर और ट्यूशन में दौड़ते रहते हैं, वहीं देहरादून की एक शिक्षाविद् परिनिता राज पाल्या एक बिल्कुल अलग राह पर चल रही हैं। उनका मानना है कि हर बच्चा पहले से ही एक प्रतिभा लेकर पैदा होता है, ज़रूरत है उसे वैज्ञानिक दृष्टिकोण से समझने और सही दिशा देने की। इसी सोच के तहत उन्होंने शुरू किया है – Dirishti Chakra।आज हम उनसे बातचीत कर रहे हैं उनके आगामी सेशन “Unlock the Power of the Mind & Body” को लेकर, जिसमें Midbrain Activation, DMIT और Mnemonic Techniques जैसे अनूठे विषयों को शामिल किया गया है।

जहां एक ओर आधुनिक अभिभावक बच्चों को प्रतियोगिता की दौड़ में झोंकने को ही सफलता का रास्ता मानते हैं, वहीं देहरादून की शिक्षाविद् परिनिता राज पाल्या एक नई सोच के साथ शिक्षा के क्षेत्र में बदलाव की अलख जगा रही हैं। परिनिता का मानना है कि हर बच्चा जन्म से ही प्रतिभाशाली होता है, जरूरत सिर्फ़ है उसे वैज्ञानिक दृष्टिकोण से समझने और सही दिशा देने की।

इसी सोच को साकार करने के लिए उन्होंने शुरू किया है “Dirishti Chakra”, जो बच्चों और वयस्कों दोनों की मानसिक और बौद्धिक क्षमताओं को उभारने का काम करता है। वे कहती हैं, “हम बच्चों को नंबरों की मशीन न बनाएं, बल्कि उनकी अंदरूनी शक्ति को पहचानें।”

उनका आगामी सेशन “Unlock the Power of the Mind & Body” मिडब्रेन एक्टिवेशन, DMIT और मेमोरी टेक्निक्स जैसे विषयों को शामिल करता है, जो न केवल छात्रों बल्कि प्रोफेशनल्स के लिए भी उपयोगी हैं। इस सत्र के माध्यम से परिनिता उन मिथकों को तोड़ रही हैं, जो वर्षों से शिक्षा व्यवस्था से जुड़े रहे हैं।

Dirishti Chakra अब केवल एक संस्था नहीं, बल्कि एक आंदोलन का रूप ले रहा है — एक ऐसा आंदोलन जो हर बच्चे को उसकी अनोखी सोच और शक्ति के साथ स्वीकार करना चाहता है।

प्रश्न: परिनिता जी, सबसे पहले बताएं कि यह सेशन “Unlock the Power of the Mind & Body” क्या है और इससे लोगों को क्या लाभ होगा?

उत्तर – यह सेशन केवल एक वर्कशॉप नहीं, बल्कि एक आत्म-बोध यात्रा है। हम इसमें मिडब्रेन एक्टिवेशन, डीएमआईटी (DMIT), और मेमोरी बूस्टिंग तकनीकों के ज़रिए बच्चों और वयस्कों को उनकी छिपी हुई क्षमताओं से परिचित कराते हैं। यह सेशन उनके आत्मविश्वास, ध्यान क्षमता और निर्णय लेने की योग्यता को भी बेहतर बनाता है।

प्रश्न: DMIT को लेकर कई लोगों के मन में संदेह होते हैं। आप इसे किस प्रकार विश्वसनीय मानती हैं?

उत्तर:-बिलकुल सही सवाल है। DMIT कोई ज्योतिष नहीं, यह उंगलियों की स्किन-पैटर्न (Dermatoglyphics) पर आधारित वैज्ञानिक विश्लेषण है। यह तकनीक न्यूरोलॉजी, साइकोलॉजी और जेनेटिक्स के आधार पर बनी है, और यह बताती है कि किसी व्यक्ति की इनबॉर्न इंटेलिजेंस और लर्निंग स्टाइल क्या है। सिंगापुर, अमेरिका और भारत में इस पर कई शोध हो चुके हैं।

प्रश्न: क्या यह सेशन केवल बच्चों के लिए है या वयस्कों को भी लाभ होगा?

उत्तर:-यह बच्चों के साथ-साथ वयस्कों के लिए भी उतना ही उपयोगी है। आज ऑफिस में काम करने वाले प्रोफेशनल्स भी तनाव, भूलने की बीमारी, और निर्णय लेने की अक्षमता से परेशान हैं। हमारे सेशन में शामिल मिडब्रेन एक्टिवेशन और मेमोरी तकनीकें सभी उम्र के लोगों के लिए उपयोगी हैं।

प्रश्न: आज के माता-पिता को आप क्या संदेश देना चाहेंगी?

उत्तर:-माता-पिता से मैं यही कहूंगी कि बच्चों को केवल नंबरों की दौड़ में मत झोंकिए। हर बच्चा अलग होता है। किसी का मस्तिष्क संगीत में तेज़ है, किसी का गणित में। अगर हम उन्हें उनके स्वभाव और मस्तिष्क के अनुसार मार्गदर्शन दें, तो वे न केवल सफल, बल्कि खुश और संतुलित व्यक्ति बन सकते हैं।

प्रश्न: कार्यक्रम की तारीख, स्थान और पंजीकरण की प्रक्रिया बताइए।

उत्तर:-कार्यक्रम 11 मई 2025 को दोपहर 12 से 3 बजे तक होगा, स्थान है 25- नींबूवाला, तीसरी मंज़िल, गढ़ी कैंट, देहरादून। पंजीकरण के लिए कोई भी व्यक्ति हमें “YES” लिखकर 9022378168 पर व्हाट्सएप कर सकता है। सीटें सीमित हैं।

प्रश्न: भविष्य में आप क्या और योजनाएं बना रही हैं?

उत्तर:-हम चाहते हैं कि Dirishti Chakra केवल देहरादून तक सीमित न रहे, बल्कि उत्तराखंड और फिर पूरे भारत में यह विचार फैले – कि हर बच्चा अनमोल है, बस उसे समझने की ज़रूरत है। भविष्य में हम ऑनलाइन प्लेटफ़ॉर्म, स्कूल पार्टनरशिप और टीचर ट्रेनिंग पर काम करेंगे।

प्रश्न: आखिरी सवाल – आपके लिए “Unlocking the Mind” का असली अर्थ क्या है?

उत्तर:  मेरे लिए इसका मतलब है – खुद को पहचानना। अगर हम जान जाएं कि हम कौन हैं, हमारी शक्तियाँ क्या हैं, तो कोई भी लक्ष्य असंभव नहीं होता।