मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने आज देहरादून स्थित भारतीय सर्वेक्षण विभाग सभागार में स्वर्णिम देवभूमि फ़ाउंडेशन द्वारा आयोजित प्रबुद्ध जन सम्मेलन में “एक राष्ट्र-एक चुनाव” विषय पर अपने विचार रखे। मुख्यमंत्री ने कहा कि यह केवल चुनावी व्यवस्था का सुधार नहीं, बल्कि लोकतंत्र को अधिक सशक्त, समावेशी और प्रभावशाली बनाने की दिशा में एक क्रांतिकारी कदम है।

कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी का नेतृत्व पिछले 11 वर्षों में भारत को अभूतपूर्व ऊंचाइयों तक ले गया है। उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री के नेतृत्व में न केवल भारत ने वैश्विक मंच पर अपनी साख मजबूत की है, बल्कि देश में ऐतिहासिक निर्णयों के माध्यम से लोकतंत्र को नई मजबूती दी गई है। धारा 370 की समाप्ति, जीएसटी की ऐतिहासिक एकीकृत कर व्यवस्था, तीन तलाक़ पर रोक, नागरिकता संशोधन अधिनियम (CAA), नारीशक्ति वंदन अधिनियम तथा भारतीय न्याय संहिता जैसे कानूनों को लागू करना इस दिशा में किए गए महत्वपूर्ण कार्य हैं। ये सभी निर्णय भारत को नई दिशा और गति देने वाले हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि भारत जैसे विशाल लोकतंत्र में बार-बार होने वाले चुनाव अब एक बोझ बन चुके हैं। हर वर्ष किसी न किसी राज्य में चुनाव होते हैं जिससे आचार संहिता लागू होती है और इसका सीधा असर विकास कार्यों पर पड़ता है। इससे योजनाएं रुक जाती हैं और प्रशासन निष्क्रिय हो जाता है। उन्होंने कहा कि बार-बार चुनाव होने से सरकारी संसाधनों और मानवबल का अत्यधिक उपयोग होता है। शिक्षक, पुलिस बल, प्रशासनिक अधिकारी बार-बार चुनाव ड्यूटी में लगाए जाते हैं, जिससे उनके नियमित कार्यों पर प्रतिकूल असर पड़ता है। यह न केवल व्यय की दृष्टि से नुकसानदायक है बल्कि सेवा वितरण की गुणवत्ता को भी प्रभावित करता है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व में “एक राष्ट्र-एक चुनाव” के रूप में ऐतिहासिक क़ानून बनाने की दिशा में कार्य किया जा रहा है। नीति आयोग की रिपोर्ट के अनुसार यदि एक बार में चुनाव हों तो ₹12 हजार करोड़ तक की बचत होगी। हज़ारों करोड़ों की इस धन राशि को देश में शिक्षा, स्वास्थ्य और बुनियादी सुविधाओं को मज़बूत करने में लगाया जा सकेगा। इसके साथ ही, केंद्र और राज्य सरकारों के बीच बेहतर समन्वय रहेगा तो सभी कार्य निश्चित समय पर पूरे होंगे।

उन्होंने कहा कि जब केंद्र और राज्यों में एक साथ चुनाव होंगे तो नीतिगत समन्वय बेहतर होगा, कार्यों में बाधाएं नहीं आएंगी और योजनाओं का समयबद्ध क्रियान्वयन संभव होगा। इससे सुशासन और पारदर्शिता को बल मिलेगा और प्रशासनिक प्रक्रियाएं अधिक सुचारु रूप से चलेंगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि जब लोकसभा, विधानसभा और स्थानीय निकाय चुनाव एक साथ होंगे तो प्रवासी मतदाता भी अपने गृह राज्य जाकर मतदान करने के लिए प्रेरित होंगे। इससे लोकतंत्र की भागीदारी बढ़ेगी और जनता की सहभागिता से व्यवस्था अधिक जवाबदेह बनेगी।

उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री जी के मार्गदर्शन में तैयार किया गया जो ड्राफ़्ट लोक सभा में पेश किया गया, वो बहुत ही गहन शोध और विश्लेषण के बाद तैयार किया गया है। इस ड्राफ्ट में एक-एक परिस्थिति का ध्यान रखा गया है कि कैसे सभी राज्यों में ये व्यवस्था लागू करनी है और लागू करने के बाद यदि किसी राज्य की सरकार बीच में भंग हो गई तो उस स्थिति में कैसे चुनाव होंगे। फ़िलहाल इस क़ानून को व्यापक विचार विमर्श हेतु संयुक्त संसदीय समिति को भेजा गया है।

इस दौरान कार्यक्रम में राजयसभा सांसद श्री महेंद्र भट्ट, कैबिनेट मंत्री श्री गणेश जोशी, श्री सौरभ बहुगुणा, राष्ट्रीय महामंत्री भाजपा श्री सुनील बंसल, प्रदेश महामंत्री संगठन श्री अजेय कुमार, पर्यावरणविद पद्म श्री अनिल जोशी, जागर गायिका पद्म श्रीमती बसंती बिष्ट, पद्म श्री कन्हेया लाल पोखरियाल सहित बड़ी संख्या में पूर्व सैनिक, साधु संत एवं विभिन्न क्षेत्रों के प्रबुद्धजन मौजूद रहे।