दिल्ली-केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण व ग्रामीण विकास मंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने आज भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद – राष्ट्रीय डेरी अनुसंधान संस्थान (एनडीआरआई), करनाल, हरियाणा में वैज्ञानिकों, गन्ना किसानों और लखपति दीदियों के साथ एक संवाद कार्यक्रम में भाग लिया। इस कार्यक्रम में उन्होंने कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर अपने विचार व्यक्त किए, जिसमें **महिला सशक्तिकरण और कृषि क्षेत्र के विकास** की दिशा में सरकार की योजनाओं पर जोर दिया।

महिला सशक्तिकरण: मिशन और महत्वपूर्ण कदम
श्री चौहान ने कहा कि “महिला सशक्तिकरण मेरी जिंदगी का मिशन है” और “किसानों की आय के बिना देश आगे नहीं बढ़ सकता, कृषि भारतीय अर्थव्यवस्था की रीढ़ है”। उन्होंने यह भी कहा कि जब तक बेटियों को बोझ मानने की मानसिकता खत्म नहीं होगी, तब तक समाज में बेटियों के जन्म को लेकर भेदभाव रहेगा, इसलिए इस मानसिकता को समाप्त करना जरूरी है।

उन्होंने “लाडली लक्ष्मी योजना” की चर्चा करते हुए बताया कि मध्य प्रदेश में 50 लाख से अधिक लाडली लक्ष्मी बेटियां हैं, और राज्य ने महिलाओं को स्थानीय निकाय चुनावों में 50 प्रतिशत आरक्षण दिया था। साथ ही, उन्होंने “कन्या विवाह योजना” जैसी कई योजनाओं का भी उल्लेख किया, जो महिलाओं के सशक्तिकरण के लिए शुरू की गई थीं।

कृषि क्षेत्र का महत्व और योजनाएँ
कृषि के महत्व पर चर्चा करते हुए श्री चौहान ने कहा कि आज भी कृषि भारत की जीडीपी में 18 प्रतिशत योगदान देती है और यह 50 प्रतिशत से ज्यादा लोगों को रोजगार प्रदान करती है। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के किसानों की आय दोगुनी करने के संकल्प का भी उल्लेख किया और इसके लिए कृषि क्षेत्र में कई योजनाओं का जिक्र किया।

इन योजनाओं में उत्पादन बढ़ाने, लागत घटाने, विविधिकरण और उन्नत बीजों के इस्तेमाल को बढ़ावा देना शामिल है। उन्होंने इस साल प्रधानमंत्री द्वारा 109 बीजों की वैरायटी को लोकार्पित करने का भी जिक्र किया।

नई तकनीकों और शोध का महत्व
श्री चौहान ने “नई तकनीक” के इस्तेमाल की आवश्यकता पर बल दिया, जैसे पशु नस्ल सुधार, दुग्ध उत्पादन में वृद्धि और **अनुसंधान को बढ़ावा देना। उन्होंने कहा कि भारत को दूध का सबसे बड़ा उत्पादक बनाना है और इसके लिए अनुसंधान संस्थानों का योगदान अत्यधिक महत्वपूर्ण है।

महिलाओं की भूमिका और प्रेरणा
उन्होंने किसानों को भरोसा दिलाया कि सरकार किसानों की आय बढ़ाने के लिए निरंतर प्रयास कर रही है। साथ ही, महिलाओं को लखपति बनना और प्रौद्योगिकी का उपयोग करते हुए छोटे उद्योग स्थापित करने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने कहा कि 1 करोड़ 15 लाख लखपति दीदीयां आज छोटे उद्योगों में सक्रिय हैं और कुछ महिलाएं ड्रोन जैसे उच्च तकनीकी उपकरणों का उपयोग भी कर रही हैं।

भारत का भविष्य
श्री चौहान ने यह भी कहा कि भारत जल्द ही दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने वाला है और इसमें कृषि, पशुपालन और महिलाओं का अहम योगदान होगा। उन्होंने इस दिशा में एनडीआरआई जैसे संस्थानों के महत्वपूर्ण योगदान की सराहना की और सुधार की गुंजाइश वाले क्षेत्रों में और सुधार लाने की बात की।

श्री चौहान ने यह स्पष्ट किया कि कृषि क्षेत्र की मजबूती, महिला सशक्तिकरण और नई तकनीकों का प्रयोग देश की प्रगति में अहम भूमिका निभाएंगे। साथ ही, उन्होंने यह भी बताया कि इस दिशा में सरकार कई योजनाओं और पहलों के माध्यम से निरंतर कार्य कर रही है।