देहरादून (उत्तराखंड) देहरादून के ब्रह्मपुरी छठ पार्क में “दीपाली फाउंडेशन” द्वारा दीप महोत्सव का आयोजित किया गया । कार्यक्रम का संचालन प्रिया कायथ ने किया, जिसमें कई बहनों ने व्यवस्था संभाली। कार्यक्रम की शुरुआत दीप प्रज्वलन और “वंदे मातरम” गीत के साथ हुई। रंगोली और रूप सज्जा प्रतियोगिताओं का आयोजन किया गया, जिसमें विभिन्न संस्थाओं से जुड़ी बहनों द्वारा हस्तनिर्मित सामान प्रदर्शित किया गया।
मुख्य अतिथियों के वक्तव्य
मुख्य अतिथि श्रीमान दिगंबर सिंह नेगी ने कहा, “दीपाली फाउंडेशन का यह प्रयास समाज के कमजोर वर्गों के लिए नई दिशा देने का है। शिक्षा और संस्कार से हम सकारात्मक परिवर्तन ला सकते हैं।”
विशिष्ट अतिथि श्रीमान अशोक कुमार शर्मा ने संस्था की सराहना करते हुए कहा, “यह संस्था महिलाओं और बच्चों के उत्थान के लिए समर्पित है। हमें मिलकर सहयोग करना चाहिए।”
मुख्य वक्ता श्रीमान संजय कुमार ने भी अपने विचार साझा किए, “समाज के विकास के लिए सभी को मिलकर काम करना होगा। दीपाली फाउंडेशन इस दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठा रहा है।”
आयोजन के अंत में, सभी अतिथियों ने दीपाली फाउंडेशन की गतिविधियों की सराहना की और सहयोग का आश्वासन दिया। यह कार्यक्रम न केवल सांस्कृतिक समागम था, बल्कि समाज में बदलाव लाने के लिए एक प्रेरणा भी बना।
दिव्यांग स्टॉल की जानकारी
दीपाली फाउंडेशन के दीपोत्सव में दिव्यांगों द्वारा लगाए गए स्टॉल ने कार्यक्रम को विशेष रंग प्रदान किया। इसका उद्देश्य दिव्यांग व्यक्तियों को स्वावलंबी बनाना और उनकी प्रतिभाओं को मंच प्रदान करना था।
स्टॉल की विशेषताएं:
– हस्तशिल्प और उत्पाद: दिव्यांग कलाकारों ने कढ़ाई, सजावटी सामान और घरेलू उपयोग की वस्तुएं प्रस्तुत की। बिक्री से मिली धनराशि उन्हें आर्थिक रूप से समर्थ बनाएगी।
– सामाजिक जागरूकता: स्टॉल के माध्यम से दिव्यांग व्यक्तियों की क्षमताओं को उजागर किया गया, जिससे समाज में सकारात्मक दृष्टिकोण विकसित हुआ।
– सहयोग और सहयोगिता: स्टॉल ने दिव्यांग व्यक्तियों को सशक्त बनाया और समाज में सहयोग की भावना को बढ़ावा दिया।
– आगामी योजनाएं: दिव्यांग कलाकारों ने भविष्य में और उत्पाद विकसित करने की इच्छा जताई।
दीपाली फाउंडेशन द्वारा आयोजित दीप महोत्सव: भारतीय संस्कृति की जड़ों को मजबूत करने का प्रयास
दीपाली फाउंडेशन ने दीप महोत्सव के अवसर पर एक भव्य स्वदेशी मेला और सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया। इसका उद्देश्य भारतीय संस्कृति को प्रोत्साहित करना और मूल्यों को नई पीढ़ी में सहेजना था।
सांस्कृतिक कार्यक्रम की विशेषताएं:
– स्थानीय कलाओं का प्रदर्शन: विभिन्न स्थानीय कलाओं का मंचन किया गया, जिससे प्रतिभागियों ने भारतीय कला की विविधता का अनुभव किया।
– स्वदेशी उत्पादों की प्रदर्शनी: हस्तशिल्प, पारंपरिक वस्त्र और स्थानीय खाद्य सामग्री की प्रदर्शनी लगाई गई।
– सांस्कृतिक कार्यशालाएं: कार्यशालाओं का आयोजन किया गया, जिसमें पारंपरिक कलाओं की जानकारी साझा की गई।
– समुदाय की भागीदारी: इस महोत्सव ने समुदाय के सभी वर्गों को एक साथ लाया, जिससे सामूहिकता की भावना को बढ़ावा मिला।
इस प्रकार, दीपाली फाउंडेशन का दीप महोत्सव न केवल भारतीय संस्कृति को सहेजने का कार्य किया, बल्कि इसे आगे बढ़ाने का भी प्रयास किया। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि श्रीमान दिगंबर सिंह नेगी विशिष्ट अतिथि डॉ निशि भट्ट फाउंडर योगा एंड सीईओ नाड़ी योग और अन्य विशिष्ट अतिथियों ने भाग लिया।
दीपाली फाउंडेशन की सचिव दीपाली शुक्ला ने संस्था के उद्देश्यों पर प्रकाश डाला, जिसमें समाज सेवा, शिक्षा, महिला सशक्तिकरण और बाल विकास शामिल हैं।
संस्थान वर्तमान में उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश में शिक्षा एवं संस्कार केंद्र चला रही है और सरकारी योजनाओं को जरूरतमंदों तक पहुंचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है।
आगामी योजनाओं में किशोरी और महिलाओं के स्वास्थ्य के लिए नए कार्यक्रम शुरू करने की जानकारी दी गई।
कार्यक्रम का समापन सभी अतिथियों और प्रतिभागियों के आभार प्रदर्शन के साथ हुआ।