देहरादून – मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने आज देहरादून में जागरण संवादी कार्यक्रम का शुभारंभ किया।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने प्रदेश के युवाओं के सपनों को साकार करने के लिये की जा रही पहल, कानून व्यवस्था, यातायात की सुगमता, देवभूमि का मूल स्वरूप बनाये रखने आदि के लिये किये जा रहे प्रयासों पर अपनी बात रखी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखण्ड की विकास यात्रा हम सबकी सामूहिक यात्रा है। हम सबको इसमें सहयोगी बनना होगा। उत्तराखण्ड को अग्रणी एवं आदर्श राज्य बनाने में उन्होंने सभी से सकारात्मक सोच के साथ आगे आने की भी अपेक्षा की।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में पिछले 10 वर्षों में पूरे देश में विकास के नये कीर्तिमान स्थापित हुए हैं। डबल इंजन की सरकार में देवभूमि उत्तराखण्ड में अनेक ऐसे कार्य हुए हैं जिनके बारे में पहले सोचा नहीं जा सकता था।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारे प्रदेश का युवा नये ज्ञान विज्ञान के साथ आगे बढ़ रहा है। युवा रोजगार व स्वरोजगार चाहता है। हमारा प्रयास सरकारी विभागों में रिक्त पदों पर शत प्रतिशत नियुक्तियां करने का है। पिछले तीन साल में 14800 युवाओं को सरकारी नौकरी प्रदान की गई हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि पर्यटन, तीर्थाटन राज्य की आर्थिकी का मजबूत आधार है। सड़कों के विकास, हवाई यातायात एवं अन्य अवस्थापना सुविधाओं के विकास से चारधाम यात्रा में गत वर्ष की अपेक्षा दुगुने तीर्थ यात्री प्रदेश में आये हैं। केदारनाथ में जहां पिछले साल कुल 19 लाख यात्री आये वहीं 10 लाख यात्री इस वर्ष अब तक आ चुके हैं।
उन्होंने कहा कि प्रदेश में किसी भी तरह का धर्मांतरण ना हो पाए इसके लिए सख्त कानून का प्रावधान किया गया है। सरकारी संपत्ति को किसी भी तरह का नुकसान पहुंचाने वालों के विरुद्ध हमने सख्त कार्रवाई करते हुए दंगा निरोधक कानून बनाया है। जिसके अंतर्गत संसाधनों को नुकसान पहुंचाने वाले से ही उसकी वसूली की जाएगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखण्ड को अपराध मुक्त प्रदेश बनाने का हमारा प्रयास है। प्रदेश में मित्र पुलिस का भाव शांतिप्रिय लोगों के लिये है। अपराधियों के लिये नहीं। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में अपराधियों के विरूद्ध सशक्त कार्यवाही के निर्देश पुलिस को दिये गये हैं।
इस अवसर पर विधायक श्रीमती सविता कपूर, सूचना महानिदेशक श्री बंशीधर तिवारी, दैनिक जागरण के राज्य सम्पादक श्री कुशल कोठियाल एवं बड़ी संख्या में साहित्यकार एवं बुद्धिजीवी उपस्थित थे।