रुड़की।पवित्र रमजान अब अपने अंतिम चरण में है,जहां बड़े-बड़े रोजा रख कर पुण्य कमा रहे हैं,तो वहीं नाबालिक बच्चे भी तपती गर्मी में रोजा रखकर अल्लाह से दुआएं मांग रहे हैं।नगर की सत्ती मोहल्ला निवासी पांच वर्षीय हलीमा ने रमजान का पहला रोजा रखा है।अपने परिजनों के साथ प्रातः चार बजे उठकर सहरी खाकर रोजा की नीयत कर इबादत की।भीषण गर्मी में छोटे-छोटे बच्चों द्वारा रोजा रखना अपने आप में बड़ी बात है।इस्लाम धर्म में रोजा को फर्ज करार दिया गया है,जो प्रत्येक बालिग व्यक्ति पर रोजा रखना फर्ज (अनिवार्य) है।रमजान के महीने को बरकतों व रहमतों वाला महीना बताया गया है,जिसमें अल्लाह ताला अपने नेक बंदों के लिए रहमतों के दरवाजे खोल देता है,ऐसे में बच्चे भी रोजा रखकर अल्लाह की इबादत कर रहे हैं और दुआएं मानकर उसका शुक्रिया अदा कर रहे हैं।