रुड़की।कॉर्पोरेट सामाजिक उत्तरदायित्व (सीएसआर) के माध्यम से शिक्षा को सशक्त बनाने की अपनी प्रतिबद्धता को जारी रखते हुए,होरिबा इंडिया ने भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान रुड़की (आईआईटी रुड़की) के 30 मेधावी छात्रों को होरिबा टैलेंट हंट स्कॉलरशिप 2024-25 से सम्मानित किया।वर्ष-2023 में ‘टुगेदर वी ग्रो’ थीम के अंतर्गत शुरू की गई यह छात्रवृत्ति आईआईटी रुड़की के एक होनहार पूर्व छात्र और होरिबा इंडिया के अध्यक्ष तथा होरिबा लिमिटेड,जापान के वरिष्ठ कॉर्पोरेट अधिकारी डॉ०राजीव गौतम के दिमाग की उपज है।यह योग्य छात्रों को एक बार की आंशिक ट्यूशन फीस माफ़ी प्रदान करता है,जिससे अकादमिक उत्कृष्टता को मान्यता मिलती है और वित्तीय बाधाओं को कम किया जाता है।प्राप्तकर्ता 12 अलग-अलग विभागों से हैं,जो आईआईटी रुड़की में शैक्षणिक विविधता का उदाहरण है।इस अवसर पर आईआईटी रुड़की और होरिबा इंडिया के बीच एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर भी किए गए,जिसके तहत “सस्टेनेबल फार्मिंग” नामक एक अग्रणी परियोजना पर सहयोग किया जाएगा।इस समझौता ज्ञापन का आदान-प्रदान आईआईटी रुड़की के निदेशक प्रोफेसर केके पंत,होरिबा इंडिया के अध्यक्ष और होरिबा लिमिटेड,जापान के वरिष्ठ कॉर्पोरेट अधिकारी डॉ०राजीव गौतम और आईआईटी रुड़की के संसाधन एवं पूर्व छात्र मामले (डीओआरए) के कुलशासक प्रोफेसर आरडी गर्ग द्वारा किया गया।आईआईटी,रुड़की और होरिबा इंडिया के बीच हस्ताक्षरित समझौता ज्ञापन वैज्ञानिक नवाचार के माध्यम से पर्यावरण एवं कृषि चुनौतियों का समाधान करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।”सस्टेनेबल फ़ार्मिंग” नामक संयुक्त पहल का उद्देश्य प्राकृतिक पारिस्थितिकी तंत्र को संरक्षित करते हुए कृषि उत्पादकता बढ़ाने वाली उन्नत तकनीकों को विकसित करना और बढ़ावा देना है।यह परियोजना मिट्टी के स्वास्थ्य की निगरानी,पानी के उपयोग को अनुकूलित करने और रासायनिक उर्वरकों और कीटनाशकों पर निर्भरता को कम करने के लिए अत्याधुनिक विश्लेषणात्मक उपकरण और डेटा-संचालित तकनीकों को तैनात करने पर ध्यान केंद्रित करेगी।कृषि इंजीनियरिंग, पर्यावरण विज्ञान और डेटा एनालिटिक्स में आईआईटी रुड़की की विशेषज्ञता का लाभ उठाते हुए,विश्लेषणात्मक समाधानों में होरिबा के वैश्विक नेतृत्व के साथ यह सहयोग भारतीय कृषक समुदायों के लिए स्केलेबल,टिकाऊ समाधान प्रदान करने के लिए तैयार है।एमओयू के भाग के रूप में दोनों संस्थान एक शोध और प्रदर्शन सुविधा स्थापित करने की दिशा में भी काम करेंगे,जो वास्तविक दुनिया की कृषि स्थितियों में नवाचारों के परीक्षण के लिए एक जीवित प्रयोगशाला के रूप में काम करेगी।इस परियोजना में संकाय,शोधकर्ता और छात्र शामिल होंगे,जो प्रत्यक्ष सामाजिक प्रभाव के साथ व्यावहारिक शिक्षण और अनुवाद संबंधी शोध को बढ़ावा देंगे।छात्रों को सशक्त बनाने और संधारणीय नवाचार का समर्थन करने वाली पहलों के माध्यम से अपने अल्मा मेटर को वापस देना एक विशेषाधिकार है।टैलेंट हंट स्कॉलरशिप और संधारणीय खेती पर हमारे नए समझौता ज्ञापन के साथ,हमारा लक्ष्य युवा दिमागों का पोषण करना,जलवायु-लचीले प्रथाओं को बढ़ावा देना और कृषि क्षेत्र और पर्यावरण के व्यापक लाभ के लिए विज्ञान-संचालित समाधान बनाना है।मैं छात्रों को किसी भी शिक्षण सहायता या इंटर्नशिप के अवसरों के लिए होरिबा इंडिया या होरिबा जापान से संपर्क करने के लिए भी प्रोत्साहित करता हूँ और अगर उन्हें हमारे दृष्टिकोण के साथ संरेखण मिलता है,तो वे लंबे समय तक होरिबा परिवार का हिस्सा बने रहने के लिए सबसे स्वागत योग्य है।आईआईटी रुड़की के निदेशक प्रो०केके पंत ने कहा कि आईआईटीआर हमारे छात्रों का समर्थन करने के लिए होरिबा का धन्यवाद करता है।हम अपने पूर्व छात्र डॉ०राजीव गौतम के निरंतर योगदान को भी बहुत महत्व देते हैं,जिनके प्रयास अगली पीढ़ी के इनोवेटर्स के लिए बेहतर भविष्य को आकार देने में सहायक हैं।यह समझौता ज्ञापन भारत के राष्ट्रीय लक्ष्यों के साथ संरेखित,टिकाऊ कृषि और पर्यावरण संरक्षण के लिए हमारे साझा दृष्टिकोण को दर्शाता है। यह समाज को सीधे लाभ पहुंचाने वाले नवाचार को बढ़ावा देने के लिए वैश्विक उद्योग जगत के अग्रणीयों के साथ आईआईटी रुड़की के बढ़ते सहयोग की भी पुष्टि करता है।अनुसंधान उत्कृष्टता को उद्योग अनुप्रयोग के साथ जोड़ते हुए यह समझौता ज्ञापन इस बात पर जोर देता है कि किस प्रकार वैश्विक पूर्व छात्र साझेदारियां भविष्य के लिए तैयार पर्यावरण के प्रति उत्तरदायी नवाचारों का मार्ग प्रशस्त कर सकती है।आईआईटी रुड़की के संसाधन एवं पूर्व छात्र मामलों के कुलशासक प्रोफेसर आरडी गर्ग ने कहा कि होरिबा टैलेंट हंट स्कॉलरशिप जैसी पहल न केवल छात्रों को महत्वपूर्ण वित्तीय सहायता प्रदान करती है,बल्कि उन्हें हमारे पूर्व छात्रों के वास्तविक दुनिया के प्रभाव से भी प्रेरित करती है।टिकाऊ खेती परियोजना के जुड़ने से अनुसंधान,पूर्व छात्रों की भागीदारी और सामाजिक रूप से सार्थक सहयोग का हमारा पारिस्थितिकी तंत्र मजबूत होता है।समारोह में प्रोफेसर योगेश विजय होटे,अध्यक्ष,सीनेट कमेटी फॉर स्कॉलरशिप एंड प्राइज (एससीएसपी),सुश्री कनिका ठाकुर (लीड – कॉर्पोरेट संचार एवं मार्केटिंग प्रभारी (सामग्री और सेमीकंडक्टर) एवं होरिबा इंडिया से सुश्री स्तुति गुलाटी (वरिष्ठ कार्यकारी-कॉर्पोरेट संचार),डीओआरए एवं एससीएसपी कार्यालयों के कर्मचारी और आईआईटी रुड़की की मीडिया सेल प्रभारी सुश्री सोनिका श्रीवास्तव उपस्थित थी।आईआईटी रुड़की और होरिबा इंडिया के बीच सहयोग पूर्व छात्रों के नेतृत्व वाले प्रभाव के लिए एक मॉडल के रूप में खड़ा है,जो कि विकसित भारत@2047 के दृष्टिकोण,राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) 2020 के परिवर्तनकारी ढांचे और संयुक्त राष्ट्र सतत विकास लक्ष्यों (एसडीजी) के साथ जुड़ा हुआ है।शिक्षा,नवाचार एवं स्थिरता को एकीकृत करके, यह साझेदारी सामाजिक रूप से जागरूक नेताओं को पोषित करने और हरित अधिक लचीले भविष्य के लिए स्केलेबल समाधान विकसित करने के लिए तैयार है।